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Kaun Kehta Hai Ladko Ki Zindagi Main Gum Nai Hota | Amritesh Jha | Poetry | G Talks

Kaun Kehta Hai Ladko Ki Zindagi Main Gum Nai Hota | Amritesh Jha | Poetry | G TalksKaun Kehta Hai Ladko Ki Zindagi Main Gum Nai Hota | Amritesh Jha | Poetry | G Talks
Kaun Kehta Hai Ladko Ki Zindagi Main Gum Nai Hota | Amritesh Jha | Poetry | G Talks

इस कविता के बारे में :

इस काव्य ‘कौन कहता है लड़को की ज़िन्दगी मैं गम नहीं होता

‘ को G Talks के लेबल के तहत अमृतेश झा ने लिखा और प्रस्तुत किया है।

*****

उम्र के हर पड़ाव पर हज़ारो 

परेशानियां होती है 

वो कंधे दुखते बोहोत है जिनपे 

ज़िम्मेदारियाँ होती है

***

की बेटियाँ नसीब से तो बेटे दुआओं 

के बाद आते हैं 

अजी हम लड़के हैं जनाब हम कुछ 

जिम्मेदारियो के साथ आते हैं

आधी उम्र जिम्मेदारियां समझने 

में गुजर जाती हैं

***

तो आधी उसे निभाने में

पूरा बचपन किताबों में गुजर जाता हैं

तो जवानी कमाने में

ये जिम्मेदारियां उम्र के साथ बढ़ती हैं

ये बुढ़ापे में भी कम नहीं होता

अजी कौन कहता हैं जनाब

हम लड़कों की जिंदगी में गम नहीं होता

कभी बेटा बन कर तो कभी बाप का 

फर्ज निभाना पड़ता हैं

***

कभी खाने के लिए नख़रे होते हैं

तो कभी खाली पेट भी चलाना पड़ता हैं

कभी माँ की गोद में सोते हैं

तो कभी जिम्मेदारियों के बोझ में

कभी खुद की तलाश में रहते हैं

तो कभी सुकून की खोज में

हम हर किसी की तकलीफें समझते है

पर अपनी तकलीफों का किसी से जिक्र 

तक नहीं करते हैं

***

हम जिम्मेदारियों के पीछे कुछ 

इस कदर भागते हैं

की अपनी ख़्वाहिशों तक की फिक्र नहीं करते हैं

हमसे हर किसी को उम्मीदें हैं

पर कोई हमसे हमारी ख्वाहिशें पूछें किसी 

का मन नही होता

अजी कौन कहता है जनाब हम लड़कों 

की जिंदगी में गम नहीं होता

दिल टूट जाये हमारा फिर भी मुस्कुराना पड़ता हैं

***

छुप छुप कर रोते हैं सब से 

आँसू छिपाना पड़ता हैं

जिम्मेदारियों के पीछे हमारा इश्क़ भी 

मुकम्मल नही होता 

वैसे तो आज़ाद घूमते हैं

मगर वो भी किसी पिंचरे से 

कम नहीं होता हैं

जिम्मेदारियां निभाते 2 हमारे खुद के कोई 

अरमान नहीं बचते

उड़ना तो हम सब चाहते हैं मगर हमारे 

लिए आसमान नहीं बचते

हम हर किसी का घाव भरते है

मगर हमारा कोई मरहम नहीं होता

अजी कौन कहता हैं जनाब लड़कों की 

जिंदगी में गम नहीं होता

… Thank You …

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