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Ab Dekh Main Tujhse Nafrat Kis Tarah Karti Hun | Goonj Chand | Poetry
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Ab Dekh Main Tujhse Nafrat Kis Tarah Karti Hun | Goonj Chand | Poetry |
इस कविता के बारे में :
इस काव्य 'अब देख मैं तुझसे नफरत किस तरह करती हूँ' को G Talks के लेबल के तहत 'गूँज चाँद' ने लिखा और प्रस्तुत किया है।
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की आज तेरी हर याद को अपनी
ज़िन्दगी से दफा करती हु
और अब में मोहब्बत तुझसे
कुछ इस तरह करती हु
की तू सामने आ जाये की
***
तुझे लगा लू गले
अरे इससे अच्छा तो में मरने
की दुआ करती हु
और तू देख मैं तुझसे नफरत
किस तरह करती हूँ
***
की तुझसे जुड़ी हर चीज़ से इस
कदर किनारा कर लिया है मैंने
की में अब अपने ही शहर को तेरा
शहर कहती हु और
***
वो मेरा एक झुमका जो आज
तक तेरी गाड़ी में है
उसके दूसरे हिस्से को भी में
आज दफ़न करती हु
और तू देख मैं तुझसे नफरत
किस तरह करती हूँ
***
के मेरे जज़्बातो से खेलकर भाग
जाना इतना आसान नहीं
में तेरी बेवफाई को अपनी कागज़
और कलम में कैद करती हु
और जब-जब बेवफाई की बात
***
उठेगी तेरा नाम आएगा
में आज हर एक शायर को तेरे
नाम से इत्तेला करती हु
और तू देख मैं तुझसे नफरत
किस तरह करती हूँ
***
की बड़ा शौक था न तुझे लड़कियों
की गुड बुक्स में आने का
चल आज शायरों की महफ़िल में
तुझे मशहूर करती हु
और अपने ये दो कोड़ी के गुरूर को
***
अपनी जेब में डालकर रख
कियुँकि आज में तेरे हर एक गुरूर
को चकनाचूर करती हु
और तू देख मैं तुझसे नफरत
किस तरह करती हूँ
***
की आज तेरी हर याद को अपने
दिल से दफा करती हु
और अब में मोहब्बत तुझसे कुछ
इस तरह करती हु
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सुनिए इस कविता का ऑडियो वर्शन
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