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Hum Laut Kar Nahi Aenge | Suman Sharma | Poetry | G Talks |
इस कविता के बारे में :
इस काव्य 'हम लौट कर नहीं आएंगे' को G talks के लेबल के तहत सुमन शर्मा ने लिखा और प्रस्तुत किया है।
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जी लिए है अपने हिस्से के लम्हें
बेशुमार अब सदियाँ नहीं जी पायेंगे
इत्मीनान रखा है ए जिंदगी में
हम ज्यादा देर नहीं रुक पाएंगे
रफ्तार तेरी कुछ तो धीमी कर
***
हम ज्यादा तेज नहीं चल पाएंगे
इत्मीनान रखा है ए जिंदगी में
हम यहाँ बार बार नहीं आएंगे
टूटे बिखरते जो सफर तय करते
आए अब वही राहे भूल जाऐंगे
इत्मीनान रखा है ए जिंदगी में
***
हम ज्यादा देर नहीं रुक पाएंगे
नम्न आखों से लिखते रहे हिसाब तेरा
अब चुका नहीं पायेंगे रहम कर ए
जिंदगी और नहीं सह पाएंगे
रूठती रही तू हर दिन हमसे
अब तुझे मना नहीं पायेंगे
इत्मीनान रखा है ए जिंदगी में
***
हम यहाँ रोज नहीं आएंगे
रिश्ते कुछ तो रुहाने दे जा
यादे हम भी साथ ले जाना चाहेंगे
भरोसा रखा है ए जिंदगी
हम लौट कर नहीं आएंगे
अधूरी कुछ ख्वाईशो को सुन ले
एक बार यादे हम भी साथ ले
***
जाना चाहेंगे इत्मीनान रखा है ए
जिंदगी दर्द अपना साथ लेकर
जाऐंगे सन्नाटे जो जख्म दे गए
वो तुझे नहीं दिखा पाएंगे
इत्मीनान रख है ए जिंदगी हम और
नहीं सह पाएंगे शिकायतें तेरी सुने
***
जब तलक सुन पाए
अब और नहीं सुन पाएंगे
अफ़सोस है हमे जिंदगी
तुझे नहीं समझा पाएंगे
उधार तेरी सांसो का हर दिन चुकाते
है अब और नहीं चुका पायेंगे
***
सम्भाल अपनी अमानत ए जिंदगी
हम रो देके तेरी साँसे यही छोड़
कर जायेंगे आजमाइश मेरे सब्र की कर
रहीं तू हर दिन अब और सब्र नहीं
कर पाएंगे इत्मीनान रख ए जिंदगी
***
हम यहाँ लौट कर नहीं आयेंगे
बोझ सबकी उम्मीदों का देती रहीं
तू मुझे अक्सर और नहीं उठा पायेंगे
इत्मीनान रखा है ए जिंदगी हम और
नहीं सह पाएंगे वादे कुछ किए है हमने
भी अपनों से डर है हमे पूरा नहीं
कर पाएंगे इत्मीनान रखा है ए जिंदगी
***
तुझसे और वक्त नहीं चाहेंगे
लिखा मुक़द्दर का नहीं मिट पाता
इक और भार नहीं लिख पाएंगे
इत्मीनान रखा है ए जिंदगी
हम और कर्ज नहीं चाहेंगे
दर पर तेरे किरदार अपना निभा चुके
***
अब तुझसे रिहाई चाहेंगे
इत्मीनान रखा है ए जिंदगी
तेरी दहलीज पर अब ना आयेंगे
दफन दर्द सीने में करते गए हर बार
लगता है अब घुट ही जाऐंगे
इत्मीनान रख ए जिंदगी
***
ये सफर अब हम और नहीं कर पाएंगे
बोझ अपनी ही रूह का महसूस हो
रहा है आज जिंदा लाश अपनी अब नहीं
ढ़ो पाएंगे इत्मीनान रखा है ए जिंदगी
अब तुझसे अलविदा चाहेंगे
***
खनकती आवाज तेरी बेपरवाही की
मंजूर है हमे हम भी अब परवाह
नहीं कर पाएंगे इत्मीनान
रखा है ए जिंदगी इस
बार तुझसे सुलह नहीं चाहेंगे
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... Thank You ...
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