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Woh Mera Naam Likhti Hai Kalaai Par | Rajat Sood | Social House Poetry |
इस काव्य ‘वो मेरा नाम लिखती हैं कलाई पर’ को Social House के लेबल के तहत रजत सूद ने लिखा और प्रस्तुत किया है।
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दूध फिसल ही जाता है मलाई पर
वो मेरा नाम लिखती हैं कलाई पर
वो लबों से मीठी चासनी नहीं है कहीं
मैं पूछने तक गया था हलवाई तक
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उन कंधों पर बाल मेरे नहीं मिलेंगे
वो खास ध्यान देती है सफाई पर
दूध फिसल ही जाता है मलाई पर
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दाढ़ी बड़ी हो तो करीब हो तो मत आना
दाढ़ी झट पहुच जाती है नाई पर
दूध फिसल ही जाता है मलाई पर
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शाम होते ही वो अपने घर चल गयी
जान कर खुशबु छोड़ गयी रज़ाई पर
दूध फिसल ही जाता है मलाई पर
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रज़ाई तो तुम बहुत याद आते हो
उसे हसी आती है इस सच्चाई पर
दूध फिसल ही जाता है मलाई पर
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प्यार भरा मैसेज तैयार था किया
गलत सेंड हो गया उसके भाई पर
दूध फिसल ही जाता है मलाई पर
***
भले लोग सभी से प्यार करते हैं
किसी को भरोसा कहा भलाई पर
दूध फिसल ही जाता है मलाई पर
वो मेरा नाम लिखती हैं कलाई पर
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