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Chalo Aaj Bata Hi Deti Hu Ki Tum Kaise Ho | Shivangi Agrawal | Poetry |
इस कविता के बारे में :
इस काव्य 'चलो आज बता ही देती हूं कि तुम कैसे हो, अपना ख्याल रखना' को G Talks के लेबल के तहत 'शिवांगी अग्रवाल' ने लिखा और प्रस्तुत किया है।
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लगते हो तुम मुझ जैसे हो
चलो आज बता ही देती हूं
कि तुम कैसे हो
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जिस दिन तुम सुनने मेरी सपनों की लिस्ट
अपने काम को साइड मे रखते हों और
फिर मेरे ख्वाब अपने बना कर हर पल
मेरे साथ चलते हो उस दिन लगते तुम
मुझ जैसे हो चलो आज बता
ही देती हूं कि तुम कैसे हो
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जब बताया मैंने तुम्हें कि मैं
कुछ घुमक्कड़ टाइप की हूँ
तब से तुम कभी भी सरप्राइज
ट्रिप प्लान कर लेते हो
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और हर दफा मेरी ख्वाईशो को अपनी
पलकों पर बैठा कर पूरी कर देते हो
तब तुम लगते मुझे मुझ जैसे हो आज
बता ही देती हूं कि तुम कैसे हो
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मेरे मूड स्विंगस वाले दिनों में हस्ते
हस्ते मेरे सारे नखरे सह लेते हो
और घरवालो के याद आने पर होले
से मुझे गले लगा लेते हो उस दिन
जनाब आप लगते हो मुझे मुझ जैसे हो
चलो आज बता ही देती हूं कि आप कैसे हो
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जब मेरे जरा सा सिर हिलाने पर
तुम प्लान चेंज कर देते हो
अपने यारों के सामने मेरी फरमाइशो
को अपना बता कर रौब जमा देते हो
तब जनाब लगते आप मुझे मुझ जैसे हो
चलो आज बता ही देती हूं कि तुम कैसे हो
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ऑफिस से लेट होती जब भी मैं
गुस्से से मुह फूला लेते हो पता नहीं
मुझ जैसी वला को कैसे सम्भाल लेते हो
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और मेरे इक फोन की रिंग पर ही
सामने खड़े हो जाते हो तब जनाब
आप लगते मुझे मुझ जैसे हो चलो आज
बता ही देती हूं कि तुम कैसे हो
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पता नहीं कैसे मेरी नानस्टॉप बातों को
ध्यान से सुन लेते हो और मेरे कुछ ही
दिन दूर जाने पर बाय के साथ चलो थोड़े
दिन शांति रहेगी कहते हो और मेरे वापिस
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आते ही कभी ना दूर जाने वाला वादा
ले लेते हो तब जनाब आप लगते मुझे
मुझ जैसे हो चलो आज बता
ही देती हूं कि आप कैसे है
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... Thank You ...
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