चाणक्य तक्षशिला (एक नगर जो रावलपिंडी के पास था) के निवासी थे। इनके जीवन की घटनाओं का विशेष संबंध मौर्य चंद्रगुप्त की राज्यप्राप्ति से है। ये उस समय के एक प्रसिद्ध विद्वान थे, इसमें कोई संदेह नहीं। कहते हैं कि चाणक्य राजसी ठाट-बाट से दूर एक छोटी सी कुटिया में रहते थे।
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जैसे मछली दृष्टी से, कछुआ ध्यान देकर और
पंछी स्पर्श करके अपने बच्चो को पालते है,
वैसे ही संतजन पुरुषों की संगती मनुष्य
का पालन पोषण करती है.
- चाणक्य
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शाक से रोग, दूध से शरीर,
घी से वीर्य और मांस से मांस की वृध्दि होती है।
- चाणक्य
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एक बुरा आदमी सुधर नहीं सकता.
आप पृष्ठ भाग को चाहे जितना साफ़ करे वो
श्रेष्ठ भागो की बराबरी नहीं कर सकता.
- चाणक्य
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व्यक्ति नीचे दी हुए ३ चीजो से संतुष्ट रहे...
१. खुदकी पत्नी २. वह भोजन जो विधाता ने प्रदान किया.
३. उतना धन जितना इमानदारी से मिल
- चाणक्य
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पाप से कमाया हुआ पैसा दस साल रह सकता है.
ग्यारवे साल में वह लुप्त हो जाता है,
उसकी मुद्दल के साथ.
- चाणक्य
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एक लालची आदमी को भेट वास्तु दे कर संतुष्ट करे.
एक कठोर आदमी को हाथ जोड़कर संतुष्ट करे.
एक मुर्ख को सम्मान देकर संतुष्ट करे.
एक विद्वान् आदमी को सच बोलकर संतुष्ट करे.
- चाणक्य
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विद्वान् व्यक्ति लोगो से सम्मान पाता है.
विद्वान् उसकी विद्वत्ता के लिए हर जगह सम्मान पाता है.
यह बिलकुल सच है की विद्या हर जगह सम्मानित है.
- चाणक्य
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जैसे ही कोई डर पास फटके,
हमला करें और उसे खत्म करें।
- चाणक्य
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अमृत सबसे बढ़िया औषधि है.
इन्द्रिय सुख में अच्छा भोजन सर्वश्रेष्ठ सुख है.
नेत्र सभी इन्द्रियों में श्रेष्ठ है.
मस्तक शरीर के सभी भागो मे श्रेष्ठ है.
- चाणक्य
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भविष्य में आने वाली मुसीबतो के
लिए धन एकत्रित करें।
ऐसा ना सोचें की धनवान व्यक्ति को मुसीबत कैसी?
जब धन साथ छोड़ता है तो संगठित
धन भी तेजी से घटने लगता है।
- चाणक्य
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हम उसके लिए ना पछताए जो बीत गया.
हम भविष्य की चिंता भी ना करे.
विवेक बुद्धि रखने वाले लोग केवल वर्तमान में जीते है.
- चाणक्य
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अपने से कम या अधिक हैसियत के
लोगों से मित्रता न करें।
ऐसी मित्रता आपको कभी कोई प्रसन्नता नहीं देगी।
- चाणक्य
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बूंद बूंद से सागर बनता है.
इसी तरह बूंद बूंद से ज्ञान,
गुण और संपत्ति प्राप्त होते है.
- चाणक्य
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कोकिल तब तक मौन रहते है.
जबतक वो मीठा गाने की क़ाबलियत हासिल
नहीं कर लेते और सबको आनंद नहीं पंहुचा सकते.
- चाणक्य
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जिसे दौलत, अनाज और विद्या
अर्जित करने में और भोजन करने में
शर्म नहीं आती वह सुखी रहता है.
- चाणक्य
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साँप अगर ज़हरीला न भी हो तो भी
उसे ज़हरीला होने का आभास देना चाहिये।
- चाणक्य
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राजा लोग अपने आस पास अच्छे कुल के
लोगो को इसलिए रखते है क्योंकि ऐसे
लोग ना आरम्भ मे, ना बीच मे और
ना ही अंत मे साथ छोड़कर जाते है.
- चाणक्य
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सांप के फन , मक्खी के मुख में और
बिच्छु के डंक में ज़हर होता है;
पर दुष्ट व्यक्ति तो इससे भरा होता है.
- चाणक्य
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जो उद्यमशील हैं, वे गरीब नहीं हो सकते,
जो हरदम भगवान को याद करते है उनहे पाप नहीं छू सकता.
जो मौन रहते है वो झगड़ों मे नहीं पड़ते.
जो जागृत रहते है वो निभरय होते है.
- चाणक्य
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एक विद्यार्थी पूर्ण रूप से निम्न लिखित बातो का त्याग करे.
१. काम २. क्रोध ३. लोभ ४. स्वादिष्ट भोजन की अपेक्षा.
५. शरीर का शृंगार ६. अत्याधिक जिज्ञासा ७. अधिक निद्रा
८. शरीर निर्वाह के लिए अत्याधिक प्रयास.
- चाणक्य
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यदि ज्ञान को उपयोग में ना लाया जाए तो वह खो जाता है.
आदमी यदि अज्ञानी है तो खो जाता है.
सेनापति के बिना सेना खो जाती है.
पति के बिना पत्नी खो जाती है.
- चाणक्य
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जब बच्चा माँ के गर्भ में होता है तो
यह पाच बाते तय हो जाती है...
१. कितनी लम्बी उम्र होगी. २. वह क्या करेगा ३. और
४. कितना धन और ज्ञान अर्जित करेगा.
५. मौत कब होगी.
- चाणक्य
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खडे अन्न की अपेक्षा दसगुना बल रहता है पिसान में।
पिसान से दसगुना बल रहता है दूध में।
दूध से अठगुना बल रहता है मांस
से भी दसगुना बल है घी में।
- चाणक्य
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इन बातो को बार बार गौर करे...
सही समय
सही मित्र
सही ठिकाना
पैसे कमाने के सही साधन
पैसे खर्चा करने के सही तरीके
आपके उर्जा स्रोत.
- चाणक्य
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एक विद्वान व्यक्ति ने अपने भोजन की चिंता नहीं करनी चाहिए.
उसे सिर्फ अपने धर्म को निभाने की चिंता होनी चाहिए.
हर व्यक्ति का भोजन पर जन्म से ही अधिकार है.
- चाणक्य
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सर्प ,नृप ,शेर, डंक मारने वाले ततैया, छोटे बच्चे,
दूसरों के कुत्तों , और एक मूर्ख:
इन सातों को नीद से नहीं उठाना चाहिए.
- चाणक्य
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जैसे मछली दृष्टी से, कछुआ ध्यान देकर और
पंछी स्पर्श करके अपने बच्चो को पालते है,
वैसे ही संतजन पुरुषों की संगती
मनुष्य का पालन पोषण करती है
- चाणक्य
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शाक से रोग, दूध से शरीर, घी से वीर्य
और मांस से मांस की वृध्दि होती है।
- चाणक्य
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एक बुरा आदमी सुधर नहीं सकता.
आप पृष्ठ भाग को चाहे जितना साफ़ करे
वो श्रेष्ठ भागो की बराबरी नहीं कर सकता.
- चाणक्य
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The world’s biggest power is the
youth and beauty of a woman.
- चाणक्य
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The biggest guru-mantra is: never share
your secrets with anybody.
It will destroy you.
- चाणक्य
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A man is great by deeds,
not by birth.
- चाणक्य
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Books are as useful to a stupid person
as a mirror is useful to a blind person.
- चाणक्य
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As soon as the fear approaches
near, attack and destroy it.
- चाणक्य
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Education is the best friend.
An educated person is
respected everywhere. Education
beats the beauty and the youth.
- चाणक्य
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God is not present in idols.
Your feelings are your god.
The soul is your temple.
- चाणक्य
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Even if a snake is not poisonous,
it should pretend to be venomous.
- चाणक्य
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जैसे एक बछड़ा हज़ारो गायों के झुंड मे अपनी
माँ के पीछे चलता है। उसी प्रकार आदमी के अच्छे
और बुरे कर्म उसके पीछे चलते हैं।"
- चाणक्य
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"विद्या को चोर भी नहीं चुरा सकता।"
- चाणक्य
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"सबसे बड़ा गुरु मंत्र, अपने राज किसी को
भी मत बताओ। ये तुम्हे खत्म कर देगा।"
- चाणक्य
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"आदमी अपने जन्म से नहीं अपने
कर्मों से महान होता है।"
- चाणक्य
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"एक समझदार आदमी को सारस की तरह होश
से काम लेना चाहिए और जगह, वक्त और अपनी
योग्यता को समझते हुए अपने कार्य
को सिद्ध करना चाहिए।"
- चाणक्य
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"ईश्वर मूर्तियों में नहीं है। आपकी भावनाएँ ही
आपका ईश्वर है। आत्मा आपका मंदिर है।"
- चाणक्य
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"पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं,
जैसे एक अंधे के लिए आइना।"
- चाणक्य
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"एक राजा की ताकत उसकी शक्तिशाली भुजाओं में होती है।
ब्राह्मण की ताकत उसके आध्यात्मिक ज्ञान में और
एक औरत की ताक़त उसकी खूबसूरती,
यौवन और मधुर वाणी में होती है।"
- चाणक्य
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"आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है।
अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें,
वह सदा दुःख ही देता है।"
- चाणक्य
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"गरीब धन की इच्छा करता है,
पशु बोलने योग्य होने की,
आदमी स्वर्ग की इच्छा करते हैं
और धार्मिक लोग मोक्ष की।"
- चाणक्य
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"जो गुजर गया उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए,
ना ही भविष्य के बारे में चिंतिंत होना चाहिए।
समझदार लोग केवल वर्तमान में ही जीते हैं।"
- चाणक्य
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"संकट में बुद्धि भी काम नहीं आती है।"
- चाणक्य
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"जो जिस कार्ये में कुशल हो उसे
उसी कार्ये में लगना चाहिए।"
- चाणक्य
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"किसी भी कार्य में पल भर का भी विलम्ब ना करें।"
- चाणक्य
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दुर्बल के साथ संधि ना करें।"
- चाणक्य
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"किसी विशेष प्रयोजन के लिए ही शत्रु मित्र बनता है।"
- चाणक्य
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"संधि करने वालों में तेज़ ही संधि का होता है।"
- चाणक्य
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"कच्चा पात्र कच्चे पात्र से टकराकर टूट जाता है।"
- चाणक्य
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"संधि और एकता होने पर भी सतर्क रहें।
- चाणक्य
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"शत्रुओं से अपने राज्य की पूर्ण रक्षा करें।"
- चाणक्य
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"शिकारपरस्त राजा धर्म और अर्थ
दोनों को नष्ट कर लेता है।"
- चाणक्य
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"भाग्य के विपरीत होने पर अच्छा कर्म
भी दु:खदायी हो जाता है।"
- चाणक्य
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"शत्रु की बुरी आदतों को सुनकर
कानों को सुख मिलता है।"
- चाणक्य
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"चोर और राज कर्मचारियों से
धन की रक्षा करनी चाहिए।"
- चाणक्य
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"जन्म-मरण में दुःख ही है।"
- चाणक्य
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... Thank You ...
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