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School Wala Love | Goonj Chand | Poetry |
इस कविता के बारे में :
इस काव्य 'स्कूल वाला लव' को G Talks के लेबल के तहत 'गूँज चाँद' ने लिखा और प्रस्तुत किया है।
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मेरी खुबसूरती को उसने उस
दिन इस कदर सजाया था
की बिंदी लगाना भूल गयी थी
में तो उसने काले पेन से टिका लगाया था
***
वो अक्सर दूर से ही देखता था
मुझे तो सब ठीक था
पर बात तो उस दिन बिगड़ी जिस
दिन उसने सबके सामने मुझे गले लगाया था
मेरी खुबसूरती को उसने उस
दिन इस कदर सजाया था
***
वैसे तो बहोत सी गाड़िया
आती थी गली में मेरी
पर आफत तो उस दिन आगयी जिस
दिन उसने हॉर्न बजाया था
मेरी खुबसूरती को उसने उस दिन
इस कदर सजाया था
***
की अपनी ही क्लास के लड़के नज़र
चुरा कर चलते मुझसे
कियुँकि उसने उन सब को मुझे
उनकी भाभी बताया था
मेरी खुबसूरती को उसने उस दिन
इस कदर सजाया था
***
एक दोस्त का बर्थडे था तो में
ब्लैक ड्रेस में पोहोची थी
मुझे ब्लैक कपड़ो में देख वो तुरंत घर
जाकर कला कुरता दाल आया था
मेरी खुबसूरती को उसने उस दिन
इस कदर सजाया था
***
वो अक्सर छुप-छुप कर तोहफे
भी देता था मुझे पर मेरा
दिमाग तो उस दिन घुमा जिस
दिन मुझे पायल देने के चक्कर में वो
अपनी साइकिल बेच आया था
मेरी खुबसूरती को उसने उस दिन
इस कदर सजाया था
***
अक्सर मुझे देखने के चक्कर
में मार खता था वो
पर क़यामत तो उस दिन आयी जब
मार खाते - खाते भी मुझे
देख वो मुस्कुराया था
मेरी खुबसूरती को उसने उस दिन
इस कदर सजाया था
***
वैसे तो लोगो से मिलना जुलना
ज्यादा पसंद नहीं है मुझे
पर उस दिन न जाने कियूं अच्छा
लगा जिस दिन उसने मुझे
अपनी माँ से मिलवाया था
मेरी खुबसूरती को उसने उस दिन
इस कदर सजाया था
***
हम साथ रहे या न रहे ये
तो अलग बात है
हम साथ है या नहीं ये
भी अलग बात है
पर इन खूबसूरत पलो ने मुझे एक
अलग ही एहसास कराया था
मेरी खुबसूरती को उसने हमेशा ही
उस कुछ इस कदर सजाया था
*****
... Thank You ...
( Disclaimer: The Orignal Copyright Of this Content Is Belong to the Respective Writer )
2 Comments
Thank you for lyrics
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